🏭 योजना की मुख्य विशेषताएं (Key Features of Uttar Pradesh Textile Hub 2025)
राज्य सरकार ने कानपुर, वाराणसी, नोएडा, और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों में टेक्सटाइल पार्क्स बनाने की योजना बनाई है। इससे न सिर्फ उद्योग को गति मिलेगी बल्कि MSME सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन से जोड़ा गया है, ताकि स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन मिले और विदेशी आयात पर निर्भरता घटे।
अनुमान है कि इस योजना से करीब 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। खासकर महिलाओं के लिए टेक्सटाइल उद्योग एक बड़ा रोजगार स्रोत बनेगा।
आधुनिक टेक्सटाइल मशीनरी, डिजिटल डिजाइनिंग, और ऑटोमेशन से उत्पादन की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार होगा।
🪡 वाराणसी और कानपुर – दो प्रमुख केंद्र (Major Textile Centers)
✅वाराणसी: अपनी पारंपरिक बनारसी साड़ी और हैंडलूम उद्योग के लिए प्रसिद्ध शहर अब आधुनिक तकनीक के साथ वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहा है।✅कानपुर: पहले से लेदर और जूट इंडस्ट्री का केंद्र रहा कानपुर अब टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहा है, जहाँ कपड़ा उत्पादन और निर्यात दोनों पर फोकस है।
🌍 निर्यात और निवेश (Exports and Investment)
उत्तर प्रदेश सरकार ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई नीतिगत रियायतें (Policy Incentives) दी हैं। जापान, यूके और यूएई की कंपनियों ने यहाँ निवेश में रुचि दिखाई है।
2025 तक लक्ष्य है कि यूपी से टेक्सटाइल निर्यात (Textile Export) 10 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाए।
💡 पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास (Sustainable Development)
टेक्सटाइल हब 2025 में पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। इको-फ्रेंडली फैब्रिक, रीसायकल्ड वाटर सिस्टम, और ग्रीन एनर्जी जैसे कदम इस प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
📈 सरकार की सहायता योजनाएं (Government Support Schemes)
⦿ टेक्सटाइल नीति 2022-27 के अंतर्गत कर में छूट⦿ महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना
उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल हब 2025: उद्योग और रोजगार का नया केंद्र
भारत में कपड़ा उद्योग (Textile Industry) सदियों से रोजगार और अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर विशेष ध्यान देते हुए “उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल हब 2025” (Uttar Pradesh Textile Hub 2025) की योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश को देश का सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादन और निर्यात केंद्र बनाना है।
यूपी टेक्सटाइल नीति 2025 का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी टेक्सटाइल नीति 2025 के तहत उद्योगों के लिए निवेश के अनुकूल माहौल तैयार किया है। नीति का मुख्य उद्देश्य कपड़ा उद्योग में निवेश आकर्षित करना, स्थानीय कारीगरों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना और ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत राज्य में टेक्सटाइल पार्क, हैंडलूम क्लस्टर और गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना की जा रही है। सरकार ने वाराणसी, मुरादाबाद, आगरा, कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
निवेश और रोजगार के नए अवसर
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, टेक्सटाइल हब 2025 के माध्यम से राज्य में लगभग 10 लाख नए रोजगार अवसर पैदा होने की संभावना है। निवेशकों के लिए बिजली सब्सिडी, भूमि रियायतें और टैक्स में छूट जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं।
कानपुर और वाराणसी को प्रमुख टेक्सटाइल जोन के रूप में चुना गया है क्योंकि यहाँ पहले से ही पारंपरिक बुनाई और गारमेंट उद्योग मौजूद हैं। सरकार इन क्षेत्रों में मॉडर्न टेक्सटाइल पार्क स्थापित कर रही है, जहाँ अत्याधुनिक मशीनें और प्रशिक्षण केंद्र उपलब्ध होंगे।
स्थानीय कारीगरों के लिए सुनहरा अवसर
यूपी टेक्सटाइल नीति 2025 का एक प्रमुख फोकस ग्रामीण और पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाना है। खासतौर पर वाराणसी के बुनकर, मऊ के सिल्क उद्योग और भदोही के कालीन उद्योग को तकनीकी सहायता और निर्यात प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है। इससे हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट सेक्टर को भी नई पहचान मिलेगी।
‘मेक इन यूपी’ और निर्यात में बढ़ोतरी
उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल हब 2025 योजना के तहत, सरकार का लक्ष्य राज्य को “ग्लोबल टेक्सटाइल एक्सपोर्ट हब” के रूप में स्थापित करना है। इस दिशा में विदेशी निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ अब यूपी में गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने में दिलचस्पी दिखा रही हैं।

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